खेल डेस्क. भारत खेल की दुनिया में नए साल में कई चुनौतियों का सामना करेगा। क्रिकेट में दूसरी बार टी-20 चैंपियन तो पांचवीं बार अंडर-19 का सरताज बनने का मौका होगा। वहीं, ओलिंपिक में 12 साल बाद गोल्ड जीतने की उम्मीद है। पिछले सालों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो भारत के लिए 13 साल बाद टी-20 चैंपियन बनने की राह आसान नहीं है। क्योंकि आईसीसी टूर्नामेंट में उसका रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।
भारत आखिरी बार 2013 में इंग्लैंड को हराकर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीता था। इसके बाद वह आईसीसी के तीन बड़े टूर्नामेंट हारा है। इसमें 2014 टी-20 विश्व कप फाइनल, 2015 क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल और 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल है।
भारत को इकलौता व्यक्तिगत स्वर्ण 2008 बीजिंग ओलिंपिक में मिला था
भारत के लिए 12 साल बाद ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने का मौका है। 2008 बीजिंग ओलिंपिक में शूटर अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में यह उपलब्धि हासिल की थी। पदकों के लिहाज से 2012 लंदन ओलिंपिक देश के लिए सबसे सफल खेल रहे। इसमें भारत ने 6 पदक जीते थे। कुश्ती और निशानेबाजी में दो-दो और मुक्केबाजी-बैडमिंटन में 1-1 पदक मिले थे।
निशानेबाजी में भारत को 15 ओलिंपिक कोटा मिले
टोक्यो में सौरभ चौधरी और मनु भाकर पर सबकी नजरें टिकी हैं। सौरभ ने 2019 में आईएसएसएफ विश्व कप में 6 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज पर निशाना साधा है। वहीं, मनु भाकर ने इस साल शूटिंग विश्व कप में 5 और दोहा एशियाई चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण पदक जीते। इस बार देश के 15 निशानेबाजों ने टोक्यो ओलिंपिक का टिकट कटाया है।
बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में मेडल मांगे देश
- पीवी सिंधु 2019 में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर भारत की पहली वर्ल्ड चैंपियन बनीं। 2016 रियो ओलिंपिक में सिंधु सिल्वर मेडल जीती थीं।
- एमसी मैरीकॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 51 किग्रा में ब्रॉन्ज जीता। यह उनका 8वां मेडल था। वे 4 वेट कैटेगरी (45, 46, 48, 51) में मेडल जीतने वाली भी पहली मुक्केबाज हैं।
- भारत ने 2008, 2012 ओलिंपिक खेलों में कुश्ती में पदक जीते। इस बार भी बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से उम्मीद है।