नई दिल्ली. ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स 3 दिन के दौरे पर बुधवार को भारत पहुंचे। पहले दिन वे दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे गए। उन्होंने वहां लंगर के लिए रोटियां सेंकी। गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर ब्रिटेन के सिख समुदाय के योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से प्रिंस यहां पहुंचे थे। उन्होंने कहा, “मैं भारत की दसवीं आधिकारिक यात्रा पर आया हूं। मैं आप सभी को गुरुनानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर ब्रिटेन में बसे सिख समुदाय और पूरे कॉमनवेल्थ की तरफ से शुभकामनाएं देता हूं।” 14 नवंबर को प्रिंस का 71 वां जन्मदिन है।
गुरुद्वारा जाने से पूर्व चार्ल्स भारत मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय भी पहुंचे। वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की। कोविंद ने कॉमनवेल्थ के प्रमुख चुने जाने पर चार्ल्स को बधाई भी दी। अप्रैल 2018 में ब्रिटेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान द प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस दौरान दोनों के बीच जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय बाजार की प्रतिस्पर्धा सहित अन्य मुद्दों पर बातचीत की। प्रिंस ऑफ वेल्स की यह 10वीं आधिकारिक यात्रा है।
चार्ल्स ने प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवॉर्ड भी प्रदान किया
प्रिंस चार्ल्स ने हेल्पिंग हैंड्स ऑर्गेनाइजेशन के संस्थापक जॉली जॉनसन को दक्षिण भारत में शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों के कल्याण के लिए उल्लेखनीय योगदान के लिए प्वाइंट्स ऑफ लाइट अवॉर्ड भी प्रदान किया। प्रिंस चार्ल्स प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत, ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल के सैनिकों के बलिदान को याद करने के लिए एक सैन्य कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
प्रिंस चार्ल्स इससे पहले 2017 में अपनी पत्नी कैमिला के साथ भारत दौरे पर आए थे। इसके पूर्व अक्टूबर में प्रिंस चार्ल्स के बड़े बेटे प्रिंस विलियम अपनी पत्नी केट मिडलटन के साथ पाकिस्तान के दौरे पर गए थे।