कई मांगों को लेकर किसान नोएडा के सेक्टर 69 से दिल्ली के किसान गेट की तरफ कूच कर आज पूरे दिन यूपी गेट पर जमे रहे। यहां से करीब 11 लोगों का प्रतिनिधि मंडल सरकार से वार्ता करने गया। इसके बाद करीब घंटों की वार्ता के बाद किसानों का प्रतिनिधि मंडल वापस हुआ। इस बीच किसान मोर्चे (यूपी गेट) पर जमे रहे। यूपी गेट पर किसानों के खाने पीने की व्यवस्था की गई थी। किसानों की पांच मांगे मान ली गई हैं। इसके साथ ही आज का आंदोलन खत्म हो गया है। अब किसान यूपी गेट से वापस होने लगे हैं।भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने बताया कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तब हम फिर से आंदोलन करेंगे। अगर नहीं मानीं गई तब हम फिर से आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन खत्म पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। 10 दिन बाद हम पीएम से मिल कर अपनी बातों को रखेंगे।इससे पहले किसान एनएच-9 होते हुए यूपी गेट पहुंच कर सड़कों पर ही बैठ गए। किसान अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली के दरवाजे पर दस्तक दी थी। किसानों के 11 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल अधिकारियों से बात करने के लिए रवाना हुआ था जिसके बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार उनकी मांगों को तवज्जो दे सकती है। इस दौरान यूपी गेट के पास किसानों की रैली से पुलिस ने दिल्ली जाने वाले वाहनों को रोक दिया था। इससे यात्रियों को परेशानी हुई।इस दौरान किसान पुल पर ही बैठ कर आराम फरमाते दिखे। इससे पहले कृषि मंत्रालय निदेशक एसएस तोमर के साथ शुक्रवार को नोएडा के ट्रांसपोर्ट नगर में आयोजित हुई किसानों की वार्ता पूरी तरह से विफल हो गई। इसके बाद किसानों द्वारा दिल्ली की ओर से शनिवार को कूच करना तय माना जा रहा था। कुछ देर बाद ही किसानों ने दिल्ली पर दस्तक देने का ऐलान कर दिया। इधर नोएडा पुलिस और दिल्ली पुलिस दोनों आपस में तालमेल बैठाकर योजनाबद्ध तरीके से किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए काम कर रही है।हालांकि इस मामले पर जिलाधिकारी बीएन सिंह ने देर रात किसानों के 11 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया गया, लेकिन किसान नेता बैठक में जाने को तैयार नहीं देखे और उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार मिश्र से स्पष्ट कह दिया कि यदि बैठक में निर्णय लेने वाले अधिकारी शामिल होंगे, तभी वार्ता का मतलब है। अन्यथा शनिवार की सुबह किसान अपने दल बल के साथ दिल्ली की ओर से रवाना हो जाएंगे।
किसानों ने खत्म किया आंदोलन, सरकार ने मानी पांच मांगे